Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan (Hindi Edition)
Nadan, Mukesh
गौतम बुद्ध तथागत नाम से भी जाने गए। गौतम बुद्ध ने अपने सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार में जाति व्यवस्था का भी घोर विरोध किया था। उन्होंने मानव-मानव की समानता पर बल दिया। उन्होंने जन्म को न मानकर बुद्धि तथा चरित्र के आधार को छोटे-बड़े होने का मापदंड माना है। उन्होंने घोषणा भी की थी कि मनुष्य जन्म से नहीं, अपितु कर्म से ब्राह्मण अथवा शूद्र होता है।गौतम बुद्ध द्वारा अनेक ऐसी बातों का प्रचार किया गया, जो आज भी मानव को एक-दूसरे से प्रेम, सद्भाव, दया और भाईचारे का संदेश देती हैं। इन्हीं संदेशों से प्रेरित गौतम बुद्ध की अनेक कथाएँ समाज-जीवन में प्रचलित हैं, जो मानव को असीम ज्ञान की ओर प्रेरित करती हैं।प्रस्तुत पुस्तक में ऐसी भी कुछ कथाओं को संगृहीत किया गया है, जो गौतम बुद्ध के जन्म से लेकर निर्वाण तक की घटनाओं का वर्णन करती हैं तथा उनके आचार-विचार से ओतप्रोत हैं। अपने शिष्यों को समय-समय पर उपदेश देते हुए उन्होंने अनेक कथाओं को उदाहरणार्थ समझाने का प्रयास किया और उन्हीं कथाओ का प्रचार-प्रसार उनके शिष्यों ने भी आगे किया। कथाएँ पूर्ण रूप से शिक्षात्मक एवं संस्कारित हैं। हमें आशा ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास है कि गौतम बुद्ध की ये पठनीय कथाएँ अवश्य ही प्रत्येक वर्ग के पाठकों को ज्ञान का बोध कराने में सहायक सिद्ध होंगी और समरस समाज बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
Editorial:
Prabhat Prakashan
Idioma:
hindi
Archivo:
EPUB, 2.46 MB
IPFS:
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